मैं तो मोहब्बत का, वो नगमा छोड़ आया !

Posted by Padhayi Adda

मैं तो जमीं तो जमीं, आसमाँ छोड़ आया,
जाने कितने दिलों की, दास्तां छोड़ आया !


मैं यादों के झरोखों से देखता हूँ अब भी,
कि बदन साथ था, पर आत्मा छोड़ आया !


किस से कहूँ मैं अपना दर्दे दिल आखिर,
मैं तो मोहब्बत का, वो नगमा छोड़ आया !


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